Monday, February 24, 2020

भारतीय इतिहास: एक सर्वेक्षण भाग-4 (चचनामाह एक झूठ का पुलिंदा, भारत पर हुए अरबी आक्रमणों का सत्य)


भारतीय इतिहास में जिन अरबों के आक्रमणों का उल्लेख उनका स्त्रोत "चचनामाह" नामक कथा कहानियों की एक पुस्तक है यह पुस्तक एक झूठ का पुलिन्दा है। तत्कालीन भारतीय स्त्रोतों की बिल्कुल उपेक्षा की गई है। मोहम्मद बिन कासिम की मृत्यु, दूसरे सेनापति जुनेद की मृत्यु व तीसरे सेनापति तामिन की मृत्यु तथा बप्पारावल द्वारा अरबो का समूलोच्छेद की जानकारी भारतीय साहित्य में ही उपलब्ध हैं। डॉ ईश्वरीप्रसाद, डॉ आशीर्वादी लाल श्रीवास्तव, डॉ आर सी मजूमदार, कर्नल टॉड जैसे प्राचीन इतिहासकार जिनकी पुस्तकें प्रामाणिक मानी जाती है, इनका एक मात्र स्त्रोत चचनामाह है। आगे के इतिहासकारो ने भी इन्ही की किताबों से संदर्भ लिए। जबकि असली इतिहास 'देवल स्मृति','खुमाण रासों','हारीत स्मृति','वाक्पति राय का गोड़वहो', 'कल्हण की राजतरंगिणी','मुथा नैणसी री ख्यात','भारतीय इतिहास के 6 स्वर्णिम पृष्ठ-वीर सावरकर','श्याम सुंदर भट्ट का सिंधुपति महाराज चच देव एवम सिन्धु नरेश दाहरसेन', 'गंगाराम सम्राट का हिंदुस्तान', 'प्रारंभिक इस्लामिक आक्रमण एवं भारतीय प्रतिरोध' जैसे भारतीय ग्रंथों में है।
चचनामाह एक झूठ का पुलिंदा कैसे? जानने के लिए देखे

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